कोई ऐसा शहर बनाओ यारों,
हर तरफ़ आईने लगाओ यारों!
नींद में खो गये हैं ज़मीर सभी,
शोर करो इन को जगाओ यारो!
नयी नस्लें इन्ही रास्तों से गुजरेंगी,
राहे मन्ज़िल से ये काई हटाओ यारो!
बच्चे भूखे हैं, दूध मांगते है,
ख्वाब के झुनझुने मत बजाओ यारों!
"आज हम तो कल तुम्हारी बारी है, चँद रोज़ की मेहमाँ ये जवानी है!" From left to right: Ms Nanda,Ms Vahida Rahmaan,Ms Helen & Ms Babita |